Monday 26 September 2016

क्योकि हमारी सेना नहीं बोलती ,उसकी वीरता बोलती है .............

वाह ! एक और आतंकी हमला जी हां  फिर से....... अभी मुम्बई ताज हमले मे  गयी शहीदों व  बेकसूरों की चीखे  कोई भूला  भी नहीं था कि  उडी   आतंकी हमले ने देश को दहशत  मे डाल  दिया  ; उडी जो की श्रीनगर से 100 km . दूर  कश्मीर का एक हिस्सा है माना जा रहा है कि  ये एक भयानक और डरावना हमला था जिसमे हमारे 17 जवान शहीद हुए और 19 घायल  हालांकि सैनिको ने 4 आतंकवादियो को गिरा मारा जिसके बाद राजनाथ सिंह ने आपात समीक्षा बैठक बुलाई जिसमे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ,रक्षा सचिव ,गृह सचिव, रॉ चीफ ,सीआरपीएफ के डीजी व डी एम ओ  शामिल हुए।

  आतंक -  वही आतंक  जिसके हाथ किसी मासूम का  खून बहाते वक्त  नहीं काँपते, वही आतंक जिसको न डर रिश्तो का है , ना धर्म का और ना किसी तालीम का..............
 अक्सर बचपन मे पढ़ाया जाता है कि आतंकवाद किसे विशेष देश ,धर्म , जाति से तालुक़   नहीं रखता।। बस जो देश मे तबाही मचाये , मासूमो  का ख़ून  बहाकर खुद को देश- द्रोही साबित कर दे....  बस  वही है आतंक। ......
     मगर सच  बात तो ये है कि यहाँ हम सब जानते है; यहाँ आतंक किस देश की सरकार के  पीछे छिप कर अपनी   कायरता का प्रदर्शन कर रहा है ; हम  जानते है इसको और  मकसद को..........
       
उडी आतंक हमला जिसमे हमारे सेना के बहादुर ततपर होकर लड़े खून बह रहा था ,दर्द भी हो रहा था मगर देश को किए वादे  पीछे नहीं मुकरे।  जैसे  दिल  मे  बस एक ही आवाज़ थी - खून  बह रहा है ( बहने दो ),दर्द हो रहा है ;होने दो  . मुझे अपना कर्त्तव्य निभाना है ;मुझे डर नहीं अपनी जान को गवाने का; मुझे तो बस अपना वादा निभाना है जो   मैंने भारतीय सेना  मे  कदम रख  इस देश और खुद से करा था।  हारना नहीं बल्कि लड़ना  है ;दुश्मन सामने है उसे  गिरा दो ताकि मेरा देश सुकून से सो सके.......................................  शायद यही वादा  निभाते- निभाते उहोने अपने प्राणों  बलिदान दे दिया और तिरंगे  लिपट गए।
 सलाम है ऐसे बहादुरी को। ......
      शायद एक बार फिर वक्त आ चला कि हम 1965 की तरह अपनी राष्ट्र एकता का उदहारण दे एकजुट होकर दुश्मन को धूल चटा दे ,वक्त आ चला कि भूल जाय की हम किस धर्म और जाति  के है   याद  बस इतना हो  की हम हिंदुस्तानी  है 
इस दर्दनाक हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  कहा कि- हमारे जवानो का खून व्यर्थ नहीं जाएगा  जहाँ बात सलाह से होनी थी ; अब  वही  कड़े कदम उठाने होंगे  ताकि दुश्मन को एहसास हो कि हमारी चुप्पी हमारी कमजोरी नहीं बल्कि मानवता का एक उदहारण है ; पाकिस्तान को  भूलना नहीं चाहिए कि उनके पूर्वज इस  देश की मिटटी मे पले - बढे है।
 उन्होंने आगे कहा कि जहा एक तरफ भारत सॉफ्टवेयर व  डिजिटल इंडिया बना रहा है वही पाकिस्तान आतंक को  देश की सरकारी नीतियों का हिस्सा। .......
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को सीधा निशाना बनाते हुए कहा कि -जंग तोह अब शुरू हुई है उडी तो बस एक हिस्सा थी आखिर  जीत हिंदुस्तान की होगी
 क्योकि हमारी सेना नहीं बोलती उसकी वीरता बोलती है 
उम्मीद करती हूं की उस बहे खून का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा  क्योकि अगर हम ऐसे ही चुप्पी ताने रहेंगे तो वोह दिन  दूर नहीं जब हिंदुस्तान मे मासूमो का खून बहा करेगा।

- सोनाली त्रिवेदी 

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