यादें ना जाने क्यों आज कल बहुत सताती है , कितनी शैतान और चालाक भरी निगहाओं से हर पल मुझे ये याद दिलाती है की वो सुनेहरा पल जिसे मैं हर पल याद करने की कोशिश करती हूँ , वो बीत चुका है, अब तुम पूछोगे कौन सा सुनेहरा पल? कौन सी यादें ? कैसे पल ? तो बस इतना जान लो की, मैं उन्ही यादों की बात कर रही हूँ जो कही- न -कही हम सब के दिल में तूफ़ान मचाये रखती है। वो यादें जो कभी भुलायें नहीं भूलती और याद आने पर केवल दर्द देती है। किसी ने सच कहा है की" यादे आग की तरह होती है जिसके जलने से केवल तपन मचती है और जो भुज जाए अपनी धुएं भरी यादो से केवल आँखों में नमी देती है।" मज़े की बात ये है की हम सबसे ज्यादा याद भी उसी को करते है जिसे हम भूलना चाहते है.
अब सवाल ये उठता है की इन यादों को भूले कैसे ? तो जनाब एक कड़वा सच सुनिए की- आप इन्हे कभी- भी नहीं भूल सकते मगर इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं कि- आप इन यादों को याद करके हरदम दुःखी रहे क्योंकि आपके दुःखी रहने से ना वो यादे मिट जायेंगी और ना ही आपका दुःख कम होगा; इसलिए बस जब कोई भी याद आपकी आँखों में नमी को बुलावा दे तो बस अपनी आखे बंद करें और उस पल को चुप- चाप देखे जो वो आपको दिखाना चाहती है , चाहे वो अच्छे हो या वो बुरे वो पल आपके है और आँख खोल के एक बार दिल से मुस्कुरायें और खुद से कहे क्या खूब जिंदगी की कहानी लिख रहा हूँ मैं। बुरी यादों से सीखें ताकि वो कल ना रुला सके और अच्छी यादों को सदा के लिए अपने दिल में कैद करले और जब भी मुस्कुराने का मन करे उन्हें फिर याद करें और सबसे जरूरी बात जो अक्सर हम भूल जाते है हम अच्छी यादों को आज भी जीना चाहते है हम अक्सर कहते है "काश ! कुछ फिर से ऐसा हो जाए तो बस माज़ा आ जाए "मगर वक्त का पहिया ना कभी किसी के लिए रुका है और ना रुकेगा बस यूँ समझ लीजिये की वो एक अच्छा वक्त था जो बीत गया और बदले में हमें कई यादें दे गया जो हम कभी नहीं भूल सकते। हां मगर हम वो वक्त फिर से लाने की कोशिश जरूर कर सकते है और यक़ीनन वो मुस्कुरता हुआ वक्त फिर आएगा और शायद वो वक्त आपका ही इंतज़ार कर रहा हो इसलिए बस खुद को खुशियों से जोड़ने की एक कोशिश और करे और ताकि वो मुस्कुराता हुआ वक्त एक बार फिर सके शायद किसी और रुप में , किसी अनजान चेहरे में या किसी एक नयी शुरुआत में बस उसे आने दीजियेगा और फिर देखियेगा उसका जादू !
सोनाली त्रिवेदी